[1001+] Alone Shayari Shayari in Hindi – अलोन शायरी हिंदी में (2025)

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Alone Shayari in Hindi

Naseeb Zindagi Alone Shayari
Naseeb Zindagi Alone Shayari
जैसे कोई बच्चा रोते रोते थककर सो जाता है, हमारे दिल का हाल अक् सर कुछ ऐसा ही हो जाता है..!
आदत बदल गई है वक्त काटने की, हिम्मत ही नही होती दर्द बांटने की।🫠🥀
तुम से बिछड़ के कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा, कभी ज़िंदगी को तरसे कभी मौत को पुकारा..!!
जैसे कोई बच्चा रोते रोते थककर सो जाता है, हमारे दिल का हाल अक् सर कुछ ऐसा ही हो जाता है।🫠💔
जानता पहले से था मैं, लेकिन एहसास अब हो रहा है, अकेला तो बहुत समय से हूं मैं, पर महसूस अब हो रहा है..!!
Naseeb Zindagi Alone Shayari
Naseeb Zindagi Alone Shayari
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए, किसी को चुभ न जाएं इसलिए दूर हो गए।🥀💔
जिन से खत्म हो जाती हैं उम्मीदें, उनसे फिर शिकायत नही रहती। 🙂💔🥀
क्या हूँ मैं और क्या समझते हैं, सब राज़ नहीं होते बताने वाले, कभी तन् हाइयों में आकर देखना, कैसे रोते है सबको हंसाने वाले..!!
तू नहीं तो ये नजारा भी बुरा लगता है, चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है, ला के जिस रोज छोड़ा है तूने भंवर में मुझे, मुझे दरिया का किनारा भी बुरा लगता है..!!
तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे, शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा..!!
कितना भी दुनिया के लिए हँस के जी लें हम, रुला देती है फिर भी किसी की कमी कभी-कभी।
Sad Alone Shayari
Sad Alone Shayari
तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच, आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच..!!
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है, मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है..!!
एक वो था बदल गया, एक मैं था बिखर गया, एक वक्त था गुजर गया। 😭💔🥀
कुछ बातें समझाने से नहीं, खुद पर बीत जाने से समझ आती हैं..!
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर… सो जाऊँ तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती हैं..!
Painful Zindagi Alone Shayari
Painful Zindagi Alone Shayari
तू उदास मत हुआ कर इन हजारो के बीच, आखिर चाँद भी अकेला रहता है सितारों के बिच..!
आज इतना तनहा महसूस किया खुद को, जैसे लोग दफना कर चले गए हो..!
अकेलेपन का दर्द भी अजीब होता है, दर्द तो होता है लेकिन दर्द के आँसू आँखों से बाहर नहीं आते..!
ज़िंदगी के सफर में अकेले रह गए, जो हमें अपना कहते थे, वही पराये हो गए..!
कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है, दुनियां को क्या पता हम क्या क् या सह जाते है..!
Painful Zindagi Alone Shayari
Painful Zindagi Alone Shayari
कमाल का ताना देती है ये दुनिया मुझे, अगर वो तेरा है तो तेरे पास क्यों नहीं..!
वो किताबों में लिखा नहीं था, जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे..!
भर जायेंगे ज़ख्म मेरे भी, तुम ज़माने से जिक्र मत करना, मैं ठीक हु दोबारा मेरी फिक्र मत करना..!
अब नाराज नहीं होना है किसी से, बस नजर अंदाज करके जीना है..!
लौटते वो है जो रुठकर चले जाते हैं, टूटकर जाने वाले कहा लौटते है..!
कोई रोग होता तो इलाज भी करबा लेते, वो तो इश्क की लत थी जो छूटी ही नही..!
अजीब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं..!
अगर वो सख्श एक बार मेरा हो जाता, मैं दुनियां की किताबो से हर्फ-ए-बेवफाई मिटा देता..!
जो अकेले रहना सीख जाते है, उन्हें फिर किसी और की जरुरत नहीं पड़ती..!
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते..!
जिंदगी में इन्सान उस वक्त टूट जाता है, जब सब कुछ पास होकर भी वह अकेला रह जाता है..!
Naseeb Zindagi Alone Shayari
Naseeb Zindagi Alone Shayari
हालात खराब हो तो अपने ही, गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है..!
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है, मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है..!
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, हजारो लोग है मगर कोई उस जैसा नहीं है..!
काग़ज़ रोते नहीं है, बस रूला देते हैं..!
इस अकेलेपन से अब तंग आ गया हूं, इसलिए बहुत से आईने खरीद लाया हूं..!
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है..!
मीठी सी खुशबू में रहते हैं गुमसुम, अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी..!
गजल गाने का शौक नही, रहा हमे हम तो अब दर्द ए दिल बयां करते है..!
उस मुकाम पे आ गई है ज़िन्दगी जंहा, मुझे कुछ चीज़े पसंद तो है पर चाहिए कुछ नहीं..!
कितना अकेला हो जाता है वो शख्स, जिसे जानते तो बहुत लोग है, मगर समझते कोई नही..!
जिनकी मोहब्बत सच्ची होती है, उनके नसीब में दर्द ही लिखा होता है..!
अकेले पन की राहो पर वही व्यक्ति चलता हैं जिसने इस दुनिया-दारी से सबक सीख लिया होता हैं..!
तुम क्या जानो हम अपने आप में कितने अकेले है, पूछो इन रातो से जो रोज़ कहती है के खुदा के लिए आज तो सो जाओ..!
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे..!
जब तोड़ना ही था तो रिश्ता जोड़ा क्यों खुशी नहीं दे सकते थे तो हमारा गम से नाता जोड़ा क्यों..!
कभी घबरा गया होगा दिल तन्हाई में उनका, मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर सो गए होंगे..!
एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी..!
मंज़िल पास है, इसलिए अकेला हूँ। अगर दूर जाना होता, तो किसी को आवाज़ लगा लिया होता..!
अधूरे चांद से फरियाद तो करता होगा, वो मुझे ज्यादा नहीं पर याद तो करता होगा..!
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे..!
बहुत खूबसूरत है न मेरा ये वहम, कि तुम जहां भी हो सिर्फ मेरे हो..!
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी सास तक तेरा इंतजार करू..!
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे, तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन् हा ही तू रहने दे..!
आदत बदल गई है वक्त काटने की, हिम्मत ही नही होती दर्द बांटने की..!
याद हैं मुझे मेरी गलती, एक तो मोहब्बत कर ली, दूसरी तुमसे कर ली, तीसरी बेपनाह कर ली..!
जानता पहले से था मै लेकिन एहसास अब हो रहा है, अकेला तो बहुत समय से हूँ मैं पर महसूस अब हो रहा है..!
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम, तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो, कभी तन्हा न छोड़ते मुझे..!
इश्क में मेरा इस कदर तो टूटना लाजमी था यारो, कांच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी..!
अकेले तो हम पहले भी जी रहे थे, क्यूँ तन्हा से हो गए हैं तेरे जाने के बाद..!
तुम से बिछड़ के कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा, कभी ज़िंदगी को तरसे कभी मौत को पुकारा..!
खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए साहब, दूसरों को जलील करने में तो हर शख्स माहिर होता है..!
मोहब्बत में हम सिर्फ उनसे हारे हैं जो हमसे ये कहते थे कि हम सिर्फ तु म्हारे हैं
अकेले खड़े रहने का साहस रखिए, दुनिया ज्ञान देती है साथ नहीं!!
वक़्त ने बता दी लोगों की औकात वरना हम वो थे जो सबको अपना कहते थे….।
हँसकर दर्द छुपाने का हुनर मशहूर था मेरा ! पर कोई हुनर काम न आया जब तेरा नाम आया !!
बुरे नहीं हैं हम, बस सबको अच्छे नहीं लगते..!
रिश्तें उन्ही से बनाओ ! जो निभाने की औकात रखते हों !!
मन ही तो था कोई और बहला गया होगा दिल ही तो था किसी और पर आ गया होगा
आज के ज़माने में खुश वही है जो मतलबी है
उतर गए हैं सब दिल से अब अकेले रहना ही अच्छा लगता है
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ! लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो !’
दुःख की बात यह है कि हम उस दौर में जी रहे हैं कि मासूमियत को भी बेवकूफ़ी कहा जाता है।
रूठूँगा तुझसे तो इस क़दर रूठूँगा तेरी आँखे तरस जाएगी मेरी एक झलक को !!
पता नहीं कब खत्म होगी ये जिन्दगी सचमें अब जीने का मन नहीं करता..,
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया !!
ख्वाहिशों की पोटली सिर लिए चल रहा हूँ,मैं अकेला ही अपनी मंज़िल की और चल रहा हूँ
हम तो आज भी अकेले नहीं रहते,हमारे अकेलेपन ने हमें अपना बना लिया है।
न जाने किस कॉलेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने ! जितने भी मु झसे वादे किये थे सब फ़र्ज़ी निकले !!
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,साथ है सब मगर दिल क्यों अके ला सा लगता है !
भूलने वाली बातें याद हैं ! इसलिए ज़िन्दगी में विवाद है !!
धोखा देने के लिए शुक्रिया तेरा ! तुम न मिलती तो दुनिया की समझ न आती !!
इस दुनिया की सच्चाई और राजजितना कम जानोउतना ज्यादा ही अच्छा है..
किसी को गलत समझ लेने से पहले उसकी हालत जरूर देख लेना।
इंसान सिर्फ एक कारण से अकेला पड़ जाता हैं,जब उसके अपने ही उसे गलत समझने लगते हैं..!!
लोग हमारी क़दर उस वक़्त नहींकरते जब हम अकेले हो बल्कि,उसवक़्त करते हैं जब वो अकेले होते हैं।

Alone Shayari

Zindagi Alone Shayari
Zindagi Alone Shayari
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको… मैं तो अपने यकीन पर शर्मिदा हूं…
छोटे बच्चे के निकले आंसू और प्यार में निकले आंसू दोनों एक सामान हैं ! दोनों को पता है कि दर्द कहा है लेकिन किसी को बता नहीं सकतें !!
मतलब ना हो तो लोग, बोलना तो क्या देखना भी छोड़ देते हैं।
जनाब तुम मोहब्बत की बात करते हो हमने तो दोस्ती में भी धोखे खाएं हैं
यूँ सिमट गया मेरा प्यार चंद अल्फाज़ो में ! जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं !!
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर !!
बदलते तो सब हैं कोई सही वक्त पे तो कोई बुरे वक्त पे..!
जिन्दगी मे और कुछ मेरा हो या ना हो,लेकिन गलती हमेशा मेरी ही होती हैं।
अब थोड़ा जल्दी कामयाब कर दे ऐ खुदा.. अब घर के बुरे हालात देखे नहीं जाते
यही सोचकर सफाई नहीं दी हमने ! इल्ज़ाम भले ही झूठे हैं पर लगाए तो तुमने हैं !!
ये दुनिया है जनाब महफ़िल में सलाम और अकेले में बदनाम करती है!
तू और तेरे वादे दोनों ही झूठे निकले
कैसे गुजरती है मेरी हर एकशाम तुम्हारे बगैर अगर तुमदेख लेते तो कभी तन्हा नछोड़ते मुझे।
मैं नाराज नहीं हूं तुम से पर दिल दुखा है मेरा…
मुझे गिरे हुए पत्तों ने सिखाया है,बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा दे ंगे।
मैं कहाँ जनता हूँ दर्द की क़ीमत ! मेरे अपनों ने मुझे मुफ्त में दिया है !!
तुम क्या जानो हम अपने आपमें कितने अकेले है,पूछो इनरातो से जो रोज़ कहती है केखुदा के लिए आज तो सो जाओ
“अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी ! लोग तसल्लियाँ तो देते है पर साथ नहीं !!”
जिंदगी नहीं रुलाती है रुलाते हैं वो लोग जिन्हें, हम जिंदगी समझ लेते हैं..
दिल धोखे में है और धोखेबाज दिल में
अपनो ने अकेला इतना कर दिया,कि अब अकेलापन ही अपना लगता है।
इश्क से ज्यादा तो किस्मत बेवफा होती हैजरूरत के वक्त ही साथ छोड़ जाती है.!!
कभी-कभी मेरा दिल करता है कि बैठकर इतना रोऊँ कि रोते-रोते ही मर जाऊं
वहां से बिगड़ी है जिंदगी मेरीजहाँ से साथ तुमने छोड़ा था
मैंने आज़ाद कर दिया हर वो रिश्ता,हर वो इंसान,जो सिर्फ अपने मतलब के लिए मेरे साथ था।
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है ! वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है !!
कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा, मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।
जितना बदल सकते थे बदल लिया खुद को, अब जिसको शिकायत हो वो अपना रास्ता बदल ले।
इश्क़ कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से, एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं।
नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार ए इश्क़ में, किसी को भूल कर सो जाना आसान नहीं होता।
न जाने क्यों खुद को अकेला सा पाया है, हर एक रिश्ते में खुद को गवाया है, शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में, तभी हर किसी ने हमे यूँ ही ठुकराया है।
जो अकेले रहना सीख जाते है, उन्हें फिर किसी और की जरुरत नहीं पड़ती।
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को, किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते।
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे।
कभी घबरा गया होगा दिल तन्हाई में उनका, मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर सो गए होंगे।
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम, तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो, कभी तन्हा न छोड़ते मुझे।
मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, सिर्फ बढती रहती है, या तोसुकून बन कर या फिर दर्द बन कर।
वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा, मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।
बदलता वक़्त देखा है मैंने, अपने ही हम दर्द को अपना दर्द बनते देखा है मैंने।
इस अकेलेपन से अब तंग आ गया हूं, इसलिए बहुत से आईने खरीद लाया हूं।
बहुत ज्यादा जुल्म करती हैं तुम्हारी यादे, सो जाऊ तो जगा देती हैं उठ जाऊ तो रुला देती हैं।
हालात खराब हो तो अपने ही, गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है।
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है, वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है। प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार, ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते।
तुम्हारे बगैर ये वक़्त ये दिन और ये रात, गुजर तो जाते हैं मगर गुजारे नहीं जाते।
बारिश की हर एक बूंद को पता है कि अकेलापन क्या होता है।
अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है, अकेलेपन का हर एक आँसू अकेले ही पीना होता है।
मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही, पहले तुझे पाने की अब तुझे भुलाने की।
शायरी शौक नहीं और नाही कारोबार मेरा, बस दर्द जब सह नहीं पाता, तो लिख लेता हूँ।
कुछ लोग बदलने का, कितना भी दावा क्यूँ ना कर ले, पर सच तो ये है की वो, सिर्फ दिखावा कर रहे होते है।
बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए।
कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें, तुम साथ नहीं तो इन चाँ द सितारों का क्या करें।
क्या करेंगे महफिलों में हम बता, मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।
बंद मुट्ठी से याद गिरती है रेत की मानिंद, वो चला गया ज़िन्दगी से ज़र्रा-ज़र्रा कर के।
जख्म ही देना था तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था, लेकिन कम्बख़त ने जब भी वार किया, दिल पर ही किया।
भावनाएं मर चुकी हैं, मैने खुद उन्हे अपने हाथो से दफन किया है।
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो, मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है।
जब इंसान अंदर से टूट जाता है, तो बाहर खामोश हो जाता है।
मेरी पलकों का अब नींद से, कोई ताल्लुक नही रहा, मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है।
बहुत बहुत बहुत रोयेगी जिस दिन मैं याद आऊंगा, और बोलेगी एक पागल था जो पागल था सिर्फ मेरे लिए।
मेने बंद कर दिया दिखाना की, मुझे हर्ट होता है क्यूंकि मेरी, फीलिंग् स समझने वाला कोई नहीं है।
कुछ मतलबी लोग ना आते, तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी।
मुझको मेरे अकेलेपन से अब, शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे, खुद से भी मुहब्बत नहीं है।
कितना भी दुनिया के लिए हँस के जी लें हम, रुला देती है फिर भी किसी की कमी कभी-कभी।
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी सास तक तेरा इंतजार करू।
मेरी जिंदगी में ही ऐसा क्यूँ होता है दोस्तों, प्यार बेबफा होता जा रहा है और दोस्त मतलबी।
कभी जब गौर से देखोगे तो इतना जान जाओगे, कि तुम्हारे बिन हर लम् हा हमारी जान लेता है।
तू हजार बार रुठेगी फिर भी तुझे मना लूँगा, तुझसे प्यार किया हे कोई गुनाह नही, जो तुझसे दूर होकर खुद को सजा दूँगा।
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी, लौट आओ जिंदगी से वफा निभाई नहीं जाती।
अगर तुम कहो तो मैं खुद को भुला दूं, तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है मुझमे।
तन्हा सफर में अकेले चलते जा रहा हूं तेरी यादों के सहारे जिए जा रहा हूं।

Sad Alone Shayari

Zindagi Alone Shayari
Zindagi Alone Shayari
मत पूछो यारो ये इश्क़ कैसा होता है, बस जो रुलाता है ना, उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है।
जानता पहले से था मैं, लेकिन एहसास अब हो रहा है, अकेला तो बहुत समय से हूं मैं, पर महसूस अब हो रहा है।
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी, ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो दे खे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह।
अकेलापन कभी-कभी बेहतरीन साथी होता है, लेकिन सिर्फ कभी-कभी।
अकेलापन वह स्थान है जहाँ मन की गहराई से आत्मा की आवाज़ सुनी जा सकती है।
ज़िंदगी ने दिए हैं कई दोस्त, पर वक्त ने सिखाया कि अकेले ही चलना है, यह सफर अब मेरा अकेला है।
खुद से बातें करते करते, मैं खुद से ही अनजान हो गया, यह अकेलापन मुझे क्या से क्या बना दिया।
जब से तन्हाई से दोस्ती की है, हर खुशी से मुलाकात हो गई है।
वक्त ने सिखाया है मुझे अकेले चलना, अब खुद की साया भी मुझसे दूर जा रहा है।
कभी-कभी, अकेलापन ही बताता है कि कौन सच में अपना है।
मैं हर रोज़ भीड़ में खड़ा होकर भी, क्यों महसूस करता हूँ कि मैं अकेला हूँ।
उम्मीदों के शहर में, मेरा दिल अकेला ही रह गया।
अकेलापन मुझे नहीं डराता, वह मेरी सोच का आईना है।
कभी-कभी, सबसे ज्यादा शोर अकेलेपन की खामोशी में ही सुनाई देता है ।
रातों की ये काली स्याही, अकेलेपन की सहेली बन गई है, मेरे दर्द की कहानी अब चाँद भी सुनने लगा है।
खुशियाँ बिखेरने की कोशिश में, मैंने अपना सुकून खो दिया, अब हर पल अकेलापन साथ है।
अकेलापन एक ऐसा शिक्षक है जो हमें जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठ सिखाता है।
सोचा था साथ हैं वो, पर नज़र आया सिर्फ मेरा साया।
मुस्कुराते चेहरे के पीछे, एक अकेला दिल है।
सितारों से भरी इस रात में, अकेलापन ही मेरी बातें सुनता है।
अकेलापन वह दरवाज़ा है जिससे गुजरकर हम अपनी आत्मा से मिलते हैं।
मैंने खुद को पहचाना है अकेलेपन की इस गहराई में।
दोस्तों की महफिल और लोगों की भीड़, सब है मेरे पास, पर तेरी कमी कोई नहीं भर पाया है।
बहुत शोर है दुनिया में, फिर भी कानों में एक सन्नाटा सा है।
ज़िन्दगी ने सिखाया, भीड़ में भी अकेला होना कैसा होता है।
अकेले रहकर समझ आया, खुद से बड़ा कोई हमसफर नहीं।
दोस्तों की कमी नहीं, पर दिल में फिर भी एक सूनापन है।
जब से तूने छोड़ा है, मैंने भीड़ में भी अकेलापन पाया है।
जिन्होंने अकेलेपन को गले लगाया, वही सच्चे दोस्त और सच्चे प्यार की कदर करना सीख जाते हैं।
यहाँ बहुत शोर है, फिर भी मेरी खामोशी अकेली है।
दोस्तों की भीड़ में भी, मेरी खामोशी मेरे साथ है।
अकेलापन वो शिक्षक है, जो जीवन के कठिन सबक सिखाता है।
जिसके बिना एक पल न गुज़रा, आज वो मेरे साथ नहीं, इस अकेलेपन में हर पल एक सदी सा है।
अकेलापन ही मेरा सच्चा साथी है, जिसने कभी मुझे छोड़ा नहीं।
बीते लम्हों की यादें, मेरे साये की तरह साथ चलती हैं, पर इस भीड़ मे ं भी, मेरा दिल अकेला है।
भीड़ में भी तन्हाई के रंग और गहरे होते हैं।
रातें लंबी होती जा रही हैं, मेरे साये के सिवा कोई नहीं है बात करने को।
मेरी खामोशियाँ भी बहुत कुछ कहती हैं, अगर कोई सुनने वाला हो तो।
कभी-कभी खुद को इस भीड़ में भी अकेला पाता हूँ।
मैंने सोचा था साथ होंगे हमेशा, लेकिन अब यहाँ बस मेरी तन्हाई है।
जीवन के इस मोड़ पर, अकेलापन ही मेरा रहबर है।
जब आप अकेले होते हैं, तो आप यह समझते हैं कि आपका सबसे बड़ा सहारा आप खुद हैं।
ख्वाबों की दुनिया में भी, मैं अकेला ही सफर करता हूँ।
उसके जाने के बाद, मेरी दुनिया में बस एक सन्नाटा है, जो मेरे साथ रहता है।
कभी-कभी, अकेलापन हमें वह शांति देता है जो भीड़ में नहीं मिलती।
अकेले होने का अर्थ है अपने साथ खुद की गहराईयों में यात्रा करना।
दिल की गहराइयों में, एक अकेलापन सा बस गया है।
जब आँसू पोंछने वाला कोई न हो, तब समझ आता है अकेलापन क्या होता है।
अकेले होने का मतलब खो जाना नहीं, बल्कि खुद को खोजना है।
जब से तुम गए, ये रातें भी बड़ी सुनसान लगती हैं।
हमेशा याद रहेगा यह दौर हमको, क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शक्श के लिए..!!!
बड़ी साजिश हुई होगी तुम्हें हमसे दूर करने के लिए, मलाल इस बात का है कि तुम भी उनकी बातों में आ गए..!!!
घुटन बस भीड़ में ही नहीं होती, अपने घर में भी होने लगती है..!!!
बहुत कुछ छोड़ा है तेरे भरोसे ए वक्त, बस तू दगाबाज ना निकलना..!!!
भर जायेंगे ज़ख्म मेरे भी, तुम ज़माने से जिक्र मत करना, मैं ठीक हु दोबारा मेरी फिक्र मत करना..!!!
मत किया कर इतनी उम्मीद ए दिल, दिल हर किसी की दुनिया अलग है..!!!
मर्द की कमियाबी के पीछे मां के सिवा कोई दूसरी औरत नहीं होती, क्योंकि दूसरी औरत हमेशा एक कामियाब मर्द ढूंढती है..!!!
किरदार में मेरे भले ही अदाकारी नहीं है, खुद्दारी है, गुरूर है, पर मक्कारी नहीं है..!!!
मन मेरा बेचैन सा है, ना जाने क्यों ये खुदसे ही खफा सा है..!!!
किसी के पास यकीन का इक्का हो तो बताना, हमारे तो सारे भरोसे के पत्ते जोकर निकले..!!!
मंजिल मिलने पर सुनाएंगे सफर की दास्तान, क्या-क्या छिन गया हमसे यहां तक पहुंचते पहुंचते..!!!
किसी को मुफ्त में मिल गया वो सख्श, जो हर कीमत पर मुझे चाहिए था..!!!
जब भी तु मुझसे कुछ छीन लेता है मैं खुशी से नाच उठता हूं, की पूरी दुनिया में तुझे एक मैं ही अमीर मिला..!!!
रहने दे मुझे इन अंधेरों में ए दोस्त, कम्बक्त उजाले में अपनो के असली चेहरे नहीं दिखाई देते..!!!
मसाला यह नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे, दर्द ये है के हम भूल नहीं पाएंगे.!!!
इस खामोशी में कितनी ताकत है, ये तुम्हे हमारा आने वाला वक्त बताएगा..!!!
मेरी आंखो से पूछ क्या है बेबसी, तेरे सिवा इन्हे कोई अच्छा नहीं लगता..!!!
जिस जिसने मोहब्बत में अपने महबूब को खुद कर लिया, खुदा ने अपना वजूद बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया.!!!
खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए साहब, दूसरों को जलील करने में तो हर शख्स माहिर है..!!!
मुद्दतो तो बाद हुआ था भरोसा किसी पर, फिर उसने साबित कर दिया कोई भरोसे के काबिल नहीं है..!!!
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते.!!!
ना कोई हमदर्द था, ना कोई दर्द था, फिर एक हमदर्द मिला उसी से सर दर्द मिला..!!!
मौत देखते ही रह गई, जिंदगी ने ही मुझे मार डाला..!!!
वो तस्वीर लाखो रुपे मे बिक गई यारो, जिसमे रोटी को तरसा बच्चा उदास बैठा था..!!!
लोट आया हु फिर से अपनी उसी कैद-ए-तन्हाई में, ले गया था कोई अपनी महफिलों का लालच दे के..!!!
खुद ही उठाना पड़ता है थका हुआ बदन अपना, जब तक ये सांसे चलती है कोई कंधा नहीं देता..!!!
तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत होगी, खामखा उम्र भर मोहब् बत से नफरत होगी..!!
पल पल बदलते रिश्तों के साए देखे है, क्या तुमने अपनो से बहतर पराए देखे है..!!!
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे..!!!
चुप रहना मेरी ताकत है कमजोरी नही, अकेले रहना मेरी आदत है मजबूरी नहीं..!!!

Sad Love Alone Shayari

Naseeb Zindagi Alone Shayari
Naseeb Zindagi Alone Shayari
यूं ही नहीं होती जनाजे में भीड़ साहब, हर इंसान चला जाने के बाद अच्छा लगता है..!!!
बात बस नजरिए की है, काफी अकेला हु या, अकेला काफी हु..!!!
अगर वो सख्श एक बार मेरा हो जाता, मैं दुनियां की किताबो से हर्फ-ए-बेवफाई मिटा देता..!!!
नजर ना आऊं इतना भी दूर ना करो मुझे, बदल ना जाऊं इतना भी मजबू र ना करो मुझे..!!!
मुझे संभालने में इतनी एहतियात ना कर, बिखर ना जाऊं कहीं मैं तेरी हिफाजत में..!!!
हम तनहा ही सही पर तुम महफिल की शान बनो, अब किसी के दिल से मत खेलना, किसी एक की जान बनो..!!!
तुम चुन सकते हो सफर नया, मेरा तो इश्क है मुझे इजाजत नहीं..!!!
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो, तकलीफ देने वाला दिल में ही रहता है..!!!
तेरी बातों में जिक्र उसका मेरी बातों में जिक्र तेरा, अजब इश्क है अपना ना तू मेरी ना वो तेरा..!!!
इश्क में मेरा इस कदर तो टूटना लाजमी था यारो, कांच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी..!!!
कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है, दुनियां को क्या पता हम क्या क् या सह जाते है..!!!
वफादार और तुम, ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम खैर इल्जाम अच्छा है..!!!
जख्म वहीं से मिले, जहां से मरहम की उम्मीद थी..!!!
अब नाराज नहीं होना है किसी से, बस नजर अंदाज करके जीना है..!!!
इत्र से कपड़ो का महकना कोई बड़ी बात नही, मजा तो तब है जब खुशबू किरदार से आए..!!!
ज़िंदगी है जनाब, दुःख तो देगी ही..!!!
शौक से निकालिए ऐब मेरे किरदार में, आप नहीं होंगे तो मुझे तर्शायेगा कौन..!!!
खुद का भी हाल देखने की फुर्सत नही मुझ, और वो औरों से बात करने का इल्जाम लगा रहे हैं..!!!
काश कभी उन्हें फुर्सत में ख्याल आए, की कोई उन्हें याद करता है जिंदगी समझ कर..!!!
भावनाएं मर चुकी हैं, मैने खुद उन्हे अपने हाथो से दफन किया है..!!!
बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं, सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ मैं..!!
आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं, बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं, जो तुम नहीं जिंदगी में तो फिर कुछ नहीं, समा जाओ मुझमें… कि अकेला हूँ मैं..!!
कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें, हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तु म्हें, काटी हैं अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें, हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें..!!
उदास तो बहुत रहे मगर कभी जाहिर नही किया, ठीक हूं, बस इस लफ् ज़ ने सब संभाल लिया।💔🥀
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैर, अगर तुम देख लेते तो कभी तन्हा न छोड़ते मुझे..!!
तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैं, कभी साथ चलता था कोई, अब अकेले चलें जा रहे हैं..!!
वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नही होती है, जितनी किसी अपने के बदल जाने से तकलीफ होती है..!!
तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन, तसल्ली बस इतनी सी है, अब कोई फरेब साथ नहीं..!!
मैं हूँ दिल है तन्हाई है, तुम भी जो होते तो अच्छा होता।
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे..!!
उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना, यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं..!!
आज कुछ ज़िन्दगी में कमी है तेरे बगैर, ना रंग है ना रौशनी है तेरे बगैर, वक़्त चल रहा है अपनी ही रफ़्तार से, बस थम गयी है धड़कन एक तेरे बगैर।
हजारों महफिलें हैं और लाखों मेले है, पर जहाँ तुम नही वहां हम अकेले है ं। 💔🥀
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है..!!
मौत देखते ही रह गई, जिंदगी ने ही मुझे मार डाला..!!!
ज़िंदगी है जनाब, दुःख तो देगी ही..!!!
सुनो, अब सिर्फ दर्द है, डर नहीं तुम्हे खोने का..!!!
भावनाएं मर चुकी हैं, मैने खुद उन्हे अपने हाथो से दफन किया है..!!!
मेरा लहजा ही मेरी पहचान है, वरना मेरे नाम के तो हजारों इंसान है ं..!!!
चुप रहना मेरी ताकत है कमजोरी नही, अकेले रहना मेरी आदत है मजबूरी नहीं..!!!
अब नाराज नहीं होना है किसी से, बस नजर अंदाज करके जीना है..!!!
मेरी आंखो से पूछ क्या है बेबसी, तेरे सिवा इन्हे कोई अच्छा नहीं लगता..!!!
पल पल बदलते रिश्तों के साए देखे है, क्या तुमने अपनो से बहतर पराए देखे है..!!!
लोट आया हु फिर से अपनी उसी कैद-ए-तन्हाई में, ले गया था कोई अपनी महफिलों का लालच दे के..!!!
किसी को मुफ्त में मिल गया वो सख्श, जो हर कीमत पर मुझे चाहिए था..!!!
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो, तकलीफ देने वाला दिल में ही रहता है..!!!
घुटन बस भीड़ में ही नहीं होती, अपने घर में भी होने लगती है..!!!
जिस जिसने मोहब्बत में अपने महबूब को खुद कर लिया, खुदा ने अपना वजूद बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया.!!!
मिल सके आसानी से उसकी खुवाइश किसे है, जिद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं है..!!!
कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है, दुनियां को क्या पता हम क्या क् या सह जाते है..!!!
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे..!!!
तुम चुन सकते हो सफर नया, मेरा तो इश्क है मुझे इजाजत नहीं..!!!
इस खामोशी में कितनी ताकत है, ये तुम्हे हमारा आने वाला वक्त बताएगा..!!!
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते.!!!
रहने दे मुझे इन अंधेरों में ए दोस्त, कम्बक्त उजाले में अपनो के असली चेहरे नहीं दिखाई देते..!!!

Zindagi Alone Shayari

Feeling Alone Shayari Girl
Feeling Alone Shayari Girl
बहुत कुछ छोड़ा है तेरे भरोसे ए वक्त, बस तू दगाबाज ना निकलना..!!!
बात बस नजरिए की है, काफी अकेला हु या, अकेला काफी हु..!!!
हमेशा याद रहेगा यह दौर हमको, क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शक्श के लिए..!!!
अगर वो सख्श एक बार मेरा हो जाता, मैं दुनियां की किताबो से हर्फ-ए-बेवफाई मिटा देता..!!!
मुझे संभालने में इतनी एहतियात ना कर, बिखर ना जाऊं कहीं मैं तेरी हिफाजत में..!!!
वफादार और तुम, ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम खैर इल्जाम अच्छा है..!!!
जिसने तुझे मेरे हिस्से से चुरा लिया, उसे कहना यूँ किसी का हक़ मारा करते.!!!
तेरी बातों में जिक्र उसका मेरी बातों में जिक्र तेरा, अजब इश्क है अपना ना तू मेरी ना वो तेरा..!!!
कभी मिल सको तो बेवजह मिलना, वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज कितने मिलते है..!!!
जख्म वहीं से मिले, जहां से मरहम की उम्मीद थी..!!!
मंजिल मिलने पर सुनाएंगे सफर की दास्तान, क्या-क्या छिन गया हमसे यहां तक पहुंचते पहुंचते..!!!
मसाला यह नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे, दर्द ये है के हम भूल नहीं पाएंगे.!!!
भर जायेंगे ज़ख्म मेरे भी, तुम ज़माने से जिक्र मत करना, मैं ठीक हु दोबारा मेरी फिक्र मत करना..!!!
हम तनहा ही सही पर तुम महफिल की शान बनो, अब किसी के दिल से मत खेलना, किसी एक की जान बनो..!!!
अगर आप अच्छे हैं और आपके साथ अच्छा ही हो, तो दोस्त ये सिर्फ एक कहावत है..!!!
तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत होगी, खामखा उम्र भर मोहब् बत से नफरत होगी..!!
मत किया कर इतनी उम्मीद ए दिल, दिल हर किसी की दुनिया अलग है..!!!
पिछले जन्म में कौन सी खुशी दे दी थी मेरे मालिक, जिसकी कीमत इस जन्म में रो रोकर चुकानी पड़ रही है..!!!
जब तुम कहोगे तब हम मिलेंगे बस एक शर्त है, मैं घड़ी तुम पहनोगे ना वक्त हम देखेंगे..!!!
किरदार में मेरे भले ही अदाकारी नहीं है, खुद्दारी है, गुरूर है, पर मक्कारी नहीं है..!!!
किसी के पास यकीन का इक्का हो तो बताना, हमारे तो सारे भरोसे के पत्ते जोकर निकले..!!!
ना कोई हमदर्द था, ना कोई दर्द था, फिर एक हमदर्द मिला उसी से सर दर्द मिला..!!!
मन मेरा बेचैन सा है, ना जाने क्यों ये खुदसे ही खफा सा है..!!!
जब भी तु मुझसे कुछ छीन लेता है मैं खुशी से नाच उठता हूं, की पूरी दुनिया में तुझे एक मैं ही अमीर मिला..!!!
खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए साहब, दूसरों को जलील करने में तो हर शख्स माहिर है..!!!
मुद्दतो तो बाद हुआ था भरोसा किसी पर, फिर उसने साबित कर दिया कोई भरोसे के काबिल नहीं है..!!!
बड़ी साजिश हुई होगी तुम्हें हमसे दूर करने के लिए, मलाल इस बात का है कि तुम भी उनकी बातों में आ गए..!!!
खुद ही उठाना पड़ता है थका हुआ बदन अपना, जब तक ये सांसे चलती है कोई कंधा नहीं देता..!!!
यूं ही नहीं होती जनाजे में भीड़ साहब, हर इंसान चला जाने के बाद अच्छा लगता है..!!!
अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ, खुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हू ँ !
ये जो मैं बेवजह उसकी तलाश करता रहता हूँ क्या मैं खुद ही खुद को बर् बाद करता रहता हूँ !
ए दिल जिसके दिल में तेरे लिए कोई जगह ही नहीं है, वही तेरे लिए खास क्यों है !
हालात खराब हो तो अपने ही, गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है !
तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन, तसल्ली बस इतनी सी है, अब कोई फरेब साथ नहीं !
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम, तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो, कभी तन्हा न छोड़ते मुझे !
शायद वो बेहतर की तलाश में है, और हम तो अच्छे भी नही है !
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को, किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते !
बारिश की हर एक बूंद को पता है कि अकेलापन क्या होता है !
बड़े ही हसीन अंदाज से उसने दिल पर वार किया, पहले प्यार किया फिर अकेलापन देकर दरकिनार किया !
बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए !
अकेला होकर भी अकेला नहीं हूँ मैं, कुछ यूँ सहारा दिया है तेरी यादो ने मुझे !
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं !
फितरत में नहीं है मेरे हर चेहरे पे मिट जाना, तुझे चाहने में भी जमाने लगे है मुझे !
मोहब्बत में कसूर किसी का भी हो, अकेलेपन का सजा हमेशा बेकसूर को मिलता है !
खुद से ही बातें हो जाती है अब तो, लोग वैसे भी कहा सुनते है आज कल !
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर, रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है !
अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है, अकेलेपन का हर एक आँसू अकेले ही पीना होता है !
अब तो ये अकेलापन ही, कहेता है कि अब तो, हम ही से प्यार कर लो !
वो मन बना चुके थे हमे छोड़ जाने का, किस्मत तो सिर्फ उनके लिए एक बहाना था !
निभाने वाले आपकी हर गलती माफ़ कर देते हैं, और छोड़ने वाले बिना गलती के भी छोड़ जाते हैं !
अकेलापन भी एक मित्र है हमारा, जो हमें हमसफरों से अलग करता है हमसे !
बात इतनी है के तुम बहुत दुर होते जा रहे हो, और हद ये है कि तुम ये मानते भी नही !
जिंदगी में कुछ गलत लोगों ने, आकर हमें जिंदगी का, सही सबक सिखा दिया !
न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में, वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं !
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है, साथ हैं सब मगर दिल क्यों अकेला सा लगता है !
छुपी होती है लफ्जों में गेहरी राज की बातें, लोग शायरी या मजाक समझ के बस मुस्कुरा देते हैं !
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी सास तक तेरा इंतजार करू !
जिन्दगी एक सफर है और हम एक मुसाफिर हैं, इस सफर में अकेलापन हमें कई बार मिलता है !
मेरी तन्हाई मार डालेगी दे-दे कर ताने मुझको, एक बार आ जाओ इसे तु म खामोश कर दो !
चाहते थे जिसको हम उसके दिल बदल गए समुंदर तो वाही था लेकिन साहिल बदल गए कत्ल ऐसा हुवा हर बार किस्तों में मेरा, कभी खंजर बदल गुए तो कभी कातिल बदल गए !
सब Busy हैं किसी ना किसी काम में पर, हम आज भी खाली बैठे है आपके इंतजार में !
सच्ची मोहब्बत करने वाले इंसान के, नसीब मैं सिर्फ तन्हाई लिखी होती है !
सुन अकेला रहना और अकेलेपन में रहना, वैसा ही होता है जैसे की मुस्कुराना और गम में रहना !
मुझको मेरे अकेलेपन से अब, शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे, खुद से भी मुहब्बत नहीं है !
मेने बंद कर दिया दिखाना की, मुझे हर्ट होता है क्यूंकि मेरी, फीलिंग् स समझने वाला कोई नहीं है !

Alone Shayari 2 Lines

Feeling Alone Shayari Girl
Feeling Alone Shayari Girl
जो अकेले रहना सीख जाते है, उन्हें फिर किसी और की जरुरत नहीं पड़ती !
कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें, तुम साथ नहीं तो इन चाँ द सितारों का क्या करें !
अब वही होगा जो दिल चाहेगा, आगे जो होगा देखा जायेगा !
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी, लौट आओ जिंदगी से वफा निभाई नहीं जाती !
तुम से बिछड़ के कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा, कभी ज़िंदगी को तरसे कभी मौत को पुकारा..!
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे..!
लौटते वो है जो रुठकर चले जाते हैं, टूटकर जाने वाले कहा लौटते है..!
गजल गाने का शौक नही, रहा हमे हम तो अब दर्द ए दिल बयां करते है..!
जिंदगी में इन्सान उस वक्त टूट जाता है, जब सब कुछ पास होकर भी वह अकेला रह जाता है..!
मीठी सी खुशबू में रहते हैं गुमसुम, अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी..!
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है..!
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे, तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन् हा ही तू रहने दे..!
बदलते हुए लोगो के बारे में आखिर क्या कहूँ मैं? मैंने तो अपना ही प्यार किसी और का होते देखा हैं..!
कमाल का ताना देती है ये दुनिया मुझे, अगर वो तेरा है तो तेरे पास क्यों नहीं..!
जब तुम कहोगे तब हम मिलेंगे बस एक शर्त है, मैं घड़ी तुम पहनोगे ना वक्त हम देखेंगे..!
आजकल नहीं चलता प्यार जन्म जन्मों का लोग अपना मतलब निकाल कर मुँह फेर लेते है..!
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों, जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया..!
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे..!
प्यार और विश्वास दो ऐसे पंछी है, एक उड़ जाए तो दूसरा भी उड़ जाता है..!
तेरा दिल कोई जब भी दुखाएगा, याद तुझ को मेरा प्यार आएगा..!
कोई रोग होता तो इलाज भी करबा लेते, वो तो इश्क की लत थी जो छूटी ही नही..!
बारिश की हर एक बूंद को पता है कि अकेलापन क्या होता है..!
तुम क्या जानो हम अपने आप में कितने अकेले है, पूछो इन रातो से जो रोज़ कहती है के खुदा के लिए आज तो सो जाओ..!
वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा, मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ..!
जो अकेले रहना सीख जाते है, उन्हें फिर किसी और की जरुरत नहीं पड़ती..!
इस अकेलेपन से अब तंग आ गया हूं, इसलिए बहुत से आईने खरीद लाया हूं..!
अकेले पन की राहो पर वही व्यक्ति चलता हैं जिसने इस दुनिया-दारी से सबक सीख लिया होता हैं..!
बहुत खूबसूरत है न मेरा ये वहम, कि तुम जहां भी हो सिर्फ मेरे हो..!
मुझको मेरे अकेलेपन से अब, शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे, खुद से भी मुहब्बत नहीं है..!
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर… सो जाऊँ तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती हैं..!
अगर क़िस्मत लिखने का हक़ मेरी माँ का होता, तो मेरी ज़िन्दगी में एक भी ग़म न होता..!

Painful Zindagi Alone Shayari

Painful Zindagi Alone Shayari
Painful Zindagi Alone Shayari
फुर्सत मिले तो उनका हाल भी पूछ लिया करो मोहतरमा, जिनके सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो..!
आंखो का पानी और दिल की कहानी हर कोई नही समझ सकता..!
कुछ तो हमारी भी ज़िंदगी की कहानी सुन लो, मैं अकेला हूँ इसकी वजह तुम हो..!
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, हजारो लोग है मगर कोई उस जैसा नहीं है..!
अगर वो सख्श एक बार मेरा हो जाता, मैं दुनियां की किताबो से हर्फ-ए-बेवफाई मिटा देता..!
तू उदास मत हुआ कर इन हजारो के बीच, आखिर चाँद भी अकेला रहता है सितारों के बिच..!
हालात खराब हो तो अपने ही, गैरो के जैसा बर्ताव करने लगते है..!
याद हैं मुझे मेरी गलती, एक तो मोहब्बत कर ली, दूसरी तुमसे कर ली, तीसरी बेपनाह कर ली..!
वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है मेरी तो सिर्फ मोहब्बत थी..!
तेरे सिवा मुझे सिर्फ नींद से ही प्यार था.. कमबख्त वो भी बेवफा हो गई तेरे साथ..!
अकेले तो हम पहले भी जी रहे थे, क्यूँ तन्हा से हो गए हैं तेरे जाने के बाद..!
अब नाराज नहीं होना है किसी से, बस नजर अंदाज करके जीना है..!
जब तोड़ना ही था तो रिश्ता जोड़ा क्यों खुशी नहीं दे सकते थे तो हमारा गम से नाता जोड़ा क्यों..!
बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए..!
कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है, दुनियां को क्या पता हम क्या क् या सह जाते है..!
भर जायेंगे ज़ख्म मेरे भी, तुम ज़माने से जिक्र मत करना, मैं ठीक हु दोबारा मेरी फिक्र मत करना..!
वो किताबों में लिखा नहीं था, जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे..!
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते..!
आज इतना तनहा महसूस किया खुद को, जैसे लोग दफना कर चले गए हो..!
इश्क में मेरा इस कदर तो टूटना लाजमी था यारो, कांच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी..!
मंज़िल पास है, इसलिए अकेला हूँ। अगर दूर जाना होता, तो किसी को आवाज़ लगा लिया होता..!
अजीब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं..!
कभी घबरा गया होगा दिल तन्हाई में उनका, मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर सो गए होंगे..!
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ! लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो !’
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए,तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है।
दुख की बात ये है कि हम हम उस दौर में जी रहे हैं जहां मासूमियत को भी बेवकूफी कहा जाता है
बनना है तो किसी के दर्द की दवा बनो ! जख्म तो हर इंसान देता है !!
हम वहां काम आएंगे, जहांतुम्हारे अपने अकेला छोड़ जाएंगे।
सोचा था एक घर बनाकर बैठूंगा सुकून से ! लेकिन घर की ज़रूरतो ने मुसाफिर बना दिया !!
मैंने आज़ाद कर दिया हर वो रिश्ता,हर वो इंसान,जो सिर्फ अपने मतलब के लिए मेरे साथ था।
कुछ कह गए,कुछ सह गए,कुछ कहते-कहते रह गए,मै सही और तुम गलत के खे ल में,न जाने कितने रिश्ते ढह गए।
जिंदगी नहीं रुलाती है रुलाते हैं वो लोग जिन्हें, हम जिंदगी समझ लेते हैं..
ख्वाहिशों की पोटली सिर लिए चल रहा हूँ,मैं अकेला ही अपनी मंज़िल की और चल रहा हूँ
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया !!
रूठूँगा तुझसे तो इस क़दर रूठूँगा तेरी आँखे तरस जाएगी मेरी एक झलक को !!
जनाब तुम मोहब्बत की बात करते हो हमने तो दोस्ती में भी धोखे खाएं हैं
तू और तेरे वादे दोनों ही झूठे निकले
तुम पर मरने से बेहतर था हम किसी हादसे में मर जाते
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,साथ है सब मगर दिल क्यों अके ला सा लगता है !
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर !!
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को,किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते !
ना आंसुओ से छलकते हैना कागज़ पर उतारते हैंदर्द कुछ होते हैं ऐसे जोबस भीतर ही भीतर पालते है।
अपनो ने अकेला इतना कर दिया,कि अब अकेलापन ही अपना लगता है।
कई बार कसूर किसी का भी नही होता,बस एक गलतफहमी खूबसूरत रिश् तेको तबाह कर देती है..!!
इश्क से ज्यादा तो किस्मत बेवफा होती हैजरूरत के वक्त ही साथ छोड़ जाती है.!!
ये दुनिया है जनाब महफ़िल में सलाम और अकेले में बदनाम करती है!
मैं कभी भूलूंगा नहीं लोगों ने वक्त देखकर अकेला छोड़ा था
हर किसी में तुझे पाने की कोशिश की ! बस एक तुझे न पाने के बाद !!
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको… मैं तो अपने यकीन पर शर्मिदा हूं…
अब थोड़ा जल्दी कामयाब कर दे ऐ खुदा.. अब घर के बुरे हालात देखे नहीं जाते
दिल में आने का रास्ता तो होता है, लेकिन जाने का नहीं ! इसलिए जो भी जाता है दिल तोड़कर जाता है !!
धोखा देने के लिए शुक्रिया तेरा ! तुम न मिलती तो दुनिया की समझ न आती !!
किसी को गलत समझ लेने से पहले उसकी हालत जरूर देख लेना।
दुःख की बात यह है कि हम उस दौर में जी रहे हैं कि मासूमियत को भी बेवकूफ़ी कहा जाता है।
दिल में जलन आंखों में तूफान हैहमेशा खुश रहने वाला शख्सआज बहुत परेशान है ..! !
कैसे गुजरती है मेरी हर एकशाम तुम्हारे बगैर अगर तुमदेख लेते तो कभी तन्हा नछोड़ते मुझे।
लोग हमारी क़दर उस वक़्त नहींकरते जब हम अकेले हो बल्कि,उसवक़्त करते हैं जब वो अकेले होते हैं.
आज के ज़माने में खुश वही है जो मतलबी है
जरूरत से ज्यादा इज्जत, और वक्त देने से लोग बदल जाते हैं।

Naseeb Zindagi Alone Shayari

Naseeb Zindagi Alone Shayari
Naseeb Zindagi Alone Shayari
छोटे बच्चे के निकले आंसू और प्यार में निकले आंसू दोनों एक सामान हैं ! दोनों को पता है कि दर्द कहा है लेकिन किसी को बता नहीं सकतें !!
मेरी हर आह ! के बदले वाह ! मिली है मुझको ! कौन कहता है कि दर् द बिकता नहीं !!
रिश्तें उन्ही से बनाओ ! जो निभाने की औकात रखते हों !!
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख ! जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !!
जिन्दगी मे और कुछ मेरा हो या ना हो,लेकिन गलती हमेशा मेरी ही होती हैं।
भूलने वाली बातें याद हैं ! इसलिए ज़िन्दगी में विवाद है !!
जहां कभी तुम हुआ करते थे ! वहां अब दर्द होता है !!
पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते हैं पर मैंने तुम्हें उन लोगों में गिना ही नहीं था
तुम क्या जानो हम अपने आपमें कितने अकेले है,पूछो इनरातो से जो रोज़ कहती है केखुदा के लिए आज तो सो जाओ
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने !!
हम तो आज भी अकेले नहीं रहते,हमारे अकेलेपन ने हमें अपना बना लिया है।
अब डर अकेले से नहीं.लगाव से लगता है..!
जिंदगी उस दौर से गुजर रही है जहां दिल दुखता है और चेहरा हंसता है !
तू मेरी चाहत का एक लफ्ज़ भी नहीं पढ़ सकी ! और मैं तेरे दिए हुए दर् द की किताब को रोज़ पढ़ते पढ़ते सोता हूँ !!
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे।
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी सास तक तेरा इंतजार करू।
मेरे हमदम तेरे आने की आहट अब नहीं मिलती, मगर नस-नस में तू गूंजती रही रातभर तन्हा।
गजल गाने का शौक नही, रहा हमे हम तो अब दर्द ए दिल बयां करते है।
कितना अकेला हो जाता है वो शख्स, जिसे जानते तो बहुत लोग है, मगर समझते कोई नही।
कुछ मतलबी लोग ना आते, तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी।
मेरी पलकों का अब नींद से, कोई ताल्लुक नही रहा, मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है, वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है। प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार, ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।
इतना किसी को सताया नहीं करते, हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते।
लहू बन चूका का आखो का पानी, अब खत्म होने वाली है हमारी कहानी।
मत पूछो यारो ये इश्क़ कैसा होता है, बस जो रुलाता है ना, उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है।
मेने बंद कर दिया दिखाना की, मुझे हर्ट होता है क्यूंकि मेरी, फीलिंग् स समझने वाला कोई नहीं है।
कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की, जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।
इस अकेलेपन से अब तंग आ गया हूं, इसलिए बहुत से आईने खरीद लाया हूं।
मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, सिर्फ बढती रहती है, या तोसुकून बन कर या फिर दर्द बन कर।

Hindi Alone Shayari

Naseeb Zindagi Alone Shayari
Naseeb Zindagi Alone Shayari
जब इंसान अंदर से टूट जाता है, तो बाहर खामोश हो जाता है।
मेरी जिंदगी में ही ऐसा क्यूँ होता है दोस्तों, प्यार बेबफा होता जा रहा है और दोस्त मतलबी।
जख्म ही देना था तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था, लेकिन कम्बख़त ने जब भी वार किया, दिल पर ही किया।
अकेले ही सहना अकेले ही रहना होता है, अकेलेपन का हर एक आँसू अकेले ही पीना होता है।
बदलता वक़्त देखा है मैंने, अपने ही हम दर्द को अपना दर्द बनते देखा है मैंने।
बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए।
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी, लौट आओ जिंदगी से वफा निभाई नहीं जाती।
मेरी आंखो से पूछ क्या है बेबसी, तेरे सिवा इन्हे कोई अच्छा नहीं लगता।
तू हजार बार रुठेगी फिर भी तुझे मना लूँगा, तुझसे प्यार किया हे कोई गुनाह नही, जो तुझसे दूर होकर खुद को सजा दूँगा।
कुछ लोग बदलने का, कितना भी दावा क्यूँ ना कर ले, पर सच तो ये है की वो, सिर्फ दिखावा कर रहे होते है।
किसी ने सही ही कहा है की गम भी उनको मिलता है जो रिश्ते बड़ी शिद्दत से निभाते है।
रात भर जागता हूँ एक ऐसे, बेदर्दी शख़्स की यादों में, जिसे दिन के उजालों में भी मेरी याद नहीं आती।
ए दिल जिसके दिल में तेरे लिए कोई जगह ही नहीं है, वही तेरे लिए खास क्यों है।
जो अकेले रहना सीख जाते है, उन्हें फिर किसी और की जरुरत नहीं पड़ती।
चुप रहना मेरी ताकत है कमजोरी नही, अकेले रहना मेरी आदत है मजबूरी नहीं।
अकेले तो हम पहले भी जी रहे थे, क्यूँ तन्हा से हो गए हैं तेरे जाने के बाद।
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते।
एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है, और एक लम्हा भी तेरे बगैर गुजरता नहीं।
बारिश की हर एक बूंद को पता है कि अकेलापन क्या होता है।
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है, साथ हैं सब मगर दिल क्यों अकेला सा लगता है।
मुझको मेरे अकेलेपन से अब, शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे, खुद से भी मुहब्बत नहीं है।
मैं क्यों पुकारू उन्हें की लौट आओ क्या उन्हें खबर नही है के उनके सिवा कोई नही है मेरा।
आँखों में आँसू है फिर भी दर्द सोया है, देखने वाले क्या जाने की, हँसाने वाला कितना रोया है।
क्या करेंगे महफिलों में हम बता, मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।
तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैं, कभी साथ चलता था कोई, अब अकेले चलें जा रहे हैं।
अगर तुम कहो तो मैं खुद को भुला दूं, तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है मुझमे।
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो दे खे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह।
कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा, मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।
तन्हा सफर में अकेले चलते जा रहा हूं तेरी यादों के सहारे जिए जा रहा हूं।
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको, तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये, दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको।
तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया, रातों को जागते रहे और दिन को सो गए।
जितना बदल सकते थे बदल लिया खुद को, अब जिसको शिकायत हो वो अपना रास्ता बदल ले।
बहुत ज्यादा जुल्म करती हैं तुम्हारी यादे, सो जाऊ तो जगा देती हैं उठ जाऊ तो रुला देती हैं।
काश तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलों को, किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते।
जब से तुम गए, ये रातें भी बड़ी सुनसान लगती हैं।
अकेलापन वह दरवाज़ा है जिससे गुजरकर हम अपनी आत्मा से मिलते हैं।
अकेले होने का मतलब खो जाना नहीं, बल्कि खुद को खोजना है।
रातों की ये काली स्याही, अकेलेपन की सहेली बन गई है, मेरे दर्द की कहानी अब चाँद भी सुनने लगा है।
अकेले होने का अर्थ है अपने साथ खुद की गहराईयों में यात्रा करना।
मेरी खामोशियाँ भी बहुत कुछ कहती हैं, अगर कोई सुनने वाला हो तो।
ज़िंदगी ने दिए हैं कई दोस्त, पर वक्त ने सिखाया कि अकेले ही चलना है, यह सफर अब मेरा अकेला है।
सोचा था साथ हैं वो, पर नज़र आया सिर्फ मेरा साया।
अकेलापन मुझे नहीं डराता, वह मेरी सोच का आईना है।
उम्मीदों के शहर में, मेरा दिल अकेला ही रह गया।
अकेले रहकर समझ आया, खुद से बड़ा कोई हमसफर नहीं।
जीवन के इस मोड़ पर, अकेलापन ही मेरा रहबर है।
जब आँसू पोंछने वाला कोई न हो, तब समझ आता है अकेलापन क्या होता है।
मैं हर रोज़ भीड़ में खड़ा होकर भी, क्यों महसूस करता हूँ कि मैं अकेला हूँ।
खुद से बातें करते करते, मैं खुद से ही अनजान हो गया, यह अकेलापन मुझे क्या से क्या बना दिया।
ज़िन्दगी ने सिखाया, भीड़ में भी अकेला होना कैसा होता है।
अकेलापन एक ऐसा शिक्षक है जो हमें जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठ सिखाता है।
मैंने खुद को पहचाना है अकेलेपन की इस गहराई में।

Feeling Alone Shayari Girl

Painful Zindagi Alone Shayari
Painful Zindagi Alone Shayari
जब आप अकेले होते हैं, तो आप यह समझते हैं कि आपका सबसे बड़ा सहारा आप खुद हैं।
दोस्तों की कमी नहीं, पर दिल में फिर भी एक सूनापन है।
बीते लम्हों की यादें, मेरे साये की तरह साथ चलती हैं, पर इस भीड़ मे ं भी, मेरा दिल अकेला है।
कभी-कभी खुद को इस भीड़ में भी अकेला पाता हूँ।
कभी-कभी, अकेलापन हमें वह शांति देता है जो भीड़ में नहीं मिलती।
उसके जाने के बाद, मेरी दुनिया में बस एक सन्नाटा है, जो मेरे साथ रहता है।
ख्वाबों की दुनिया में भी, मैं अकेला ही सफर करता हूँ।
अकेलापन ही मेरा सच्चा साथी है, जिसने कभी मुझे छोड़ा नहीं।
जब से तूने छोड़ा है, मैंने भीड़ में भी अकेलापन पाया है।
मुस्कुराते चेहरे के पीछे, एक अकेला दिल है।
रातें लंबी होती जा रही हैं, मेरे साये के सिवा कोई नहीं है बात करने को।
भीड़ में भी तन्हाई के रंग और गहरे होते हैं।
जब से तन्हाई से दोस्ती की है, हर खुशी से मुलाकात हो गई है।
कभी-कभी, अकेलापन ही बताता है कि कौन सच में अपना है।
अकेलापन वो शिक्षक है, जो जीवन के कठिन सबक सिखाता है।
मैंने सोचा था साथ होंगे हमेशा, लेकिन अब यहाँ बस मेरी तन्हाई है।
यहाँ बहुत शोर है, फिर भी मेरी खामोशी अकेली है।
वक्त ने सिखाया है मुझे अकेले चलना, अब खुद की साया भी मुझसे दूर जा रहा है।
दोस्तों की महफिल और लोगों की भीड़, सब है मेरे पास, पर तेरी कमी कोई नहीं भर पाया है।
जिन्होंने अकेलेपन को गले लगाया, वही सच्चे दोस्त और सच्चे प्यार की कदर करना सीख जाते हैं।
खुशियाँ बिखेरने की कोशिश में, मैंने अपना सुकून खो दिया, अब हर पल अकेलापन साथ है।
अकेलापन वह स्थान है जहाँ मन की गहराई से आत्मा की आवाज़ सुनी जा सकती है।
सितारों से भरी इस रात में, अकेलापन ही मेरी बातें सुनता है।
बहुत शोर है दुनिया में, फिर भी कानों में एक सन्नाटा सा है।
जिसके बिना एक पल न गुज़रा, आज वो मेरे साथ नहीं, इस अकेलेपन में हर पल एक सदी सा है।
कभी-कभी, सबसे ज्यादा शोर अकेलेपन की खामोशी में ही सुनाई देता है ।
दिल की गहराइयों में, एक अकेलापन सा बस गया है।
दोस्तों की भीड़ में भी, मेरी खामोशी मेरे साथ है।
अकेलापन कभी-कभी बेहतरीन साथी होता है, लेकिन सिर्फ कभी-कभी।
दिल चाहे कितना भी तकलीफ में हो, तकलीफ देने वाला दिल में ही रहता है..!!!
कुछ दर्द बस दिल में ही रह जाते है, दुनियां को क्या पता हम क्या क् या सह जाते है..!!!
रहने दे मुझे इन अंधेरों में ए दोस्त, कम्बक्त उजाले में अपनो के असली चेहरे नहीं दिखाई देते..!!!
हम तनहा ही सही पर तुम महफिल की शान बनो, अब किसी के दिल से मत खेलना, किसी एक की जान बनो..!!!
मसाला यह नहीं कि तुम मिल नहीं पाओगे, दर्द ये है के हम भूल नहीं पाएंगे.!!!
मेरी आंखो से पूछ क्या है बेबसी, तेरे सिवा इन्हे कोई अच्छा नहीं लगता..!!!
भावनाएं मर चुकी हैं, मैने खुद उन्हे अपने हाथो से दफन किया है..!!!
मुझे संभालने में इतनी एहतियात ना कर, बिखर ना जाऊं कहीं मैं तेरी हिफाजत में..!!!
तेरी बातों में जिक्र उसका मेरी बातों में जिक्र तेरा, अजब इश्क है अपना ना तू मेरी ना वो तेरा..!!!
भर जायेंगे ज़ख्म मेरे भी, तुम ज़माने से जिक्र मत करना, मैं ठीक हु दोबारा मेरी फिक्र मत करना..!!!

Alone Shayari 2 Lines In Hindi

Painful Zindagi Alone Shayari
Painful Zindagi Alone Shayari
मेरा लहजा ही मेरी पहचान है, वरना मेरे नाम के तो हजारों इंसान है ं..!!!
सुनो, अब सिर्फ दर्द है, डर नहीं तुम्हे खोने का..!!!
ज़िंदगी है जनाब, दुःख तो देगी ही..!!!
खुद का भी हाल देखने की फुर्सत नही मुझ, और वो औरों से बात करने का इल्जाम लगा रहे हैं..!!!
किरदार में मेरे भले ही अदाकारी नहीं है, खुद्दारी है, गुरूर है, पर मक्कारी नहीं है..!!!
इश्क में मेरा इस कदर तो टूटना लाजमी था यारो, कांच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी..!!!
मत किया कर इतनी उम्मीद ए दिल, दिल हर किसी की दुनिया अलग है..!!!
शौक से निकालिए ऐब मेरे किरदार में, आप नहीं होंगे तो मुझे तर्शायेगा कौन..!!!
बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो, उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते.!!!
खुद ही उठाना पड़ता है थका हुआ बदन अपना, जब तक ये सांसे चलती है कोई कंधा नहीं देता..!!!
तुम चुन सकते हो सफर नया, मेरा तो इश्क है मुझे इजाजत नहीं..!!!
चुप रहना मेरी ताकत है कमजोरी नही, अकेले रहना मेरी आदत है मजबूरी नहीं..!!!
ना कोई हमदर्द था, ना कोई दर्द था, फिर एक हमदर्द मिला उसी से सर दर्द मिला..!!!
अगर आप अच्छे हैं और आपके साथ अच्छा ही हो, तो दोस्त ये सिर्फ एक कहावत है..!!!
जख्म वहीं से मिले, जहां से मरहम की उम्मीद थी..!!!
बात बस नजरिए की है, काफी अकेला हु या, अकेला काफी हु..!!!
इस खामोशी में कितनी ताकत है, ये तुम्हे हमारा आने वाला वक्त बताएगा..!!!
अब नाराज नहीं होना है किसी से, बस नजर अंदाज करके जीना है..!!!
जिस जिसने मोहब्बत में अपने महबूब को खुद कर लिया, खुदा ने अपना वजूद बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया.!!!
घुटन बस भीड़ में ही नहीं होती, अपने घर में भी होने लगती है..!!!
इत्र से कपड़ो का महकना कोई बड़ी बात नही, मजा तो तब है जब खुशबू किरदार से आए..!!!
काश कभी उन्हें फुर्सत में ख्याल आए, की कोई उन्हें याद करता है जिंदगी समझ कर..!!!
वो तस्वीर लाखो रुपे मे बिक गई यारो, जिसमे रोटी को तरसा बच्चा उदास बैठा था..!!!
मौत देखते ही रह गई, जिंदगी ने ही मुझे मार डाला..!!!
तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत होगी, खामखा उम्र भर मोहब् बत से नफरत होगी..!!
वफादार और तुम, ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम खैर इल्जाम अच्छा है..!!!

Two Line Sad Alone Shayari

Painful Zindagi Alone Shayari
Painful Zindagi Alone Shayari
यूं ही नहीं होती जनाजे में भीड़ साहब, हर इंसान चला जाने के बाद अच्छा लगता है..!!!
बड़ी साजिश हुई होगी तुम्हें हमसे दूर करने के लिए, मलाल इस बात का है कि तुम भी उनकी बातों में आ गए..!!!
पल पल बदलते रिश्तों के साए देखे है, क्या तुमने अपनो से बहतर पराए देखे है..!!!
आज उसने एक दर्द दिया तो याद आया, हा हमने भी तो दुआओं में उसके सारे दर्द मांगे थे..!!!
बहुत कुछ छोड़ा है तेरे भरोसे ए वक्त, बस तू दगाबाज ना निकलना..!!!
पिछले जन्म में कौन सी खुशी दे दी थी मेरे मालिक, जिसकी कीमत इस जन्म में रो रोकर चुकानी पड़ रही है..!!!
मर्द की कमियाबी के पीछे मां के सिवा कोई दूसरी औरत नहीं होती, क्योंकि दूसरी औरत हमेशा एक कामियाब मर्द ढूंढती है..!!!
लोट आया हु फिर से अपनी उसी कैद-ए-तन्हाई में, ले गया था कोई अपनी महफिलों का लालच दे के..!!!
नजर ना आऊं इतना भी दूर ना करो मुझे, बदल ना जाऊं इतना भी मजबू र ना करो मुझे..!!!
किसी को मुफ्त में मिल गया वो सख्श, जो हर कीमत पर मुझे चाहिए था..!!!
अगर वो सख्श एक बार मेरा हो जाता, मैं दुनियां की किताबो से हर्फ-ए-बेवफाई मिटा देता..!!!
खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए साहब, दूसरों को जलील करने में तो हर शख्स माहिर है..!!!
मुद्दतो तो बाद हुआ था भरोसा किसी पर, फिर उसने साबित कर दिया कोई भरोसे के काबिल नहीं है..!!!
हमेशा याद रहेगा यह दौर हमको, क्या खूब तरसे जिंदगी में एक शक्श के लिए..!!!

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